This is my first hindi poem. A bit tacky for my taste but yeah whatever
जन्मदिन मुबारक ओ साहिबा
आज दिन ये तुम्हारे नाम
चाँद सितारे फूल और नदिया
सब कर दू तुम्हारे नाम
यूँ तो मेरी ख्वाईश है
कि हर दिन हो तुम्हारा ख़ास
चेहरा बिलकुल खिला रहे
जब तक तन में हो सांस
चेहरा इतना खूबसूरत तुम्हारा
कि नज़र नहीं हटती हमारी
लहरों जैसा चंचल बदन
आँखें है मदहोश कर देने वाली
अंग्रेजी में कहावत है कि
बेहतर हिस्सा हो तो मेरा [ My better half 🙂 ]
मगर सच तो ये है सनम
तुम बिन वजूद ही नहीं मेरी रूह का
यूं तो अपने बीच में
होती रहती है अनबन
चाहे मै कितना भी लड़ लू
तुमसे प्यार ना होगा कभी कम
हर पल साथ निभाने की
हमने ली है साथ कसम
पर तुमसे इश्क़ लड़ाने को
इतना बेसब्र हूँ मैं सनम
कि सातो जन्मो की मोहब्बत
मै तुम्हे दूंगा इसी जनम